वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२५ फरवरी २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
मन को कैसे रोके?
मन को बहुरुपिया क्यों बताया जाया है?
शून्यरूपी हो जाने का क्या मतलब है?
अष्टावक्र ने कोशिश करने बालो को क्यो मूढ़ कहें है?
ज्ञानी वो जिसके लिए अब कुछ भी आफ़त नहीं है ऐसा अष्टावक्र क्यों बता रहे है?